काशीपुर (विकास गुप्ता)। बीते लगभग दो सप्ताह से काशीपुर के सभी मोहल्लों, चौराहों और गलियों में कमेटी संचालक के ‘झांसा खेल”की चर्चा लगातार हो रही है। कमेटी संचालक सचिन शर्मा के खिलाफ काशीपुर कोतवाली में दर्जनों लोगों द्वारा करोङों का खेल का पर्दाफाश करते हुए मुकदमा दर्ज कराने के बाद पूरे शहर भर में अब यही चर्चा है कि अब आगे इसमें क्या होगा। लोग आपस मे कई सवाल कर रहे है…उन सवालों में यह कि जो रकमें पीड़ित लोगों के द्वारा बताई जा रही है उसमें कितनी सच्चाई है.., सवाल यह कि आखिर पीड़ित लोगों को इतने सालों तक सचिन के व्यापार की असलियत क्यों नही पता चली.., सवाल यह कि आखिर पीड़ित लोग सचिन शर्मा के झांसे में क्यो फंसते चले गए… ऐसे ही कई सवाल आज काशीपुर के गलियारों में तैर ही रहे थे कि इस बीच नगर के एक होटल से काशीपुर पुलिस द्वारा सचिन की गिरफ्तारी की खबर आ गई। जैसे ही यह खबर काशीपुर के लोगों खासतौर पर पीड़ितों को पता चली तो कई सवाल फिर उठ खड़े हुए सभी एक दूसरे से पूछने लगे कि अब क्या होने वाला है। उधर पुलिस नें सचिन शर्मा व पीड़ितों के बीच हुए लेनदेन को लेकर लिस्ट तैयार करनी शुरू कर दी है। इसी बीच इस मामले में एक बड़ा सवाल काशीपुर पुलिस के सामने आ खड़ा हुआ कि सचिन शर्मा नें बीती 3 अगस्त को काशीपुर से जाने से पूर्व कुछ लोगों को करोङों के प्रोपर्टी की रजिस्ट्री क्यों कराई थी। क्या यह लोग जानते थे कि सचिन शर्मा कुछ गड़बड़ करने जा रहा है, क्या इस पूरे मामले की स्क्रिप्ट लिखकर इस पूरे मामले को अंजाम दिया गया। क्या इस पूरे प्रकरण में कई अन्य चेहरे भी शामिल है। आखिर सचिन नें उसी होटल में शरण क्यों ली जिस होटल के स्वामी नें मध्यस्थता को लेकर शुरुआत की थी। ऐसे ही कई सवालों के उत्तर पुलिस तलाशने में जुटी है।
तो क्या सचिन द्वारा की गई प्रोपर्टी की रजिस्ट्री में कोई खेल है..
सचिन शर्मा के पिता पंडित तेजप्रकाश शर्मा के अनुसार सचिन बीती 3 अगस्त को काशीपुर से चला गया था जबकि उससे एक दिन पूर्व भी उसके द्वारा काशीपुर के एक भाजपा नेता की पत्नी के नाम मोटी कीमत की प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाई गई जबकि उससे पूर्व कुछ दिन पहले कई अन्य के नाम भी रजिस्ट्री की गई है, क्या यह सभी रजिस्ट्री देनदारों से बचने के उद्देश्य और किसी खेल के तहत कराई गई है इसको लेकर पुलिस छानबीन में जुटी है। सूत्रों की मानें तो पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या यह सभी लोग इस खेल से वाकिफ थे।
मेरा भी मेरा भी….
काशीपुर पुलिस के द्वारा जब से सचिन से पूछताछ शुरू की गई उसके बाद नगर के कुछ लोग और सामने आ गए जो कहने लगे है कि हमारा भी सचिन पर बकाया है, ऐसे में सवाल यह है कि वह लोग पहले कहाँ थे जब मुकदमा दर्ज कराया जा रहा था